New Delhi : CM Arvind Kejriwal को आज ED के समक्ष पेश होना था. लेकिन इससे पहले ही Kejriwal ने ED को एक जवाब लिखा था. इस जवाब में उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ BJP के कहने पर ही ये नोटिस भेजा गया है.
New Delhi : Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal कथित liquor policy scam में पूछताछ के लिए आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश नहीं होंगे।मध्य प्रदेश में उनके एक रोड शो के कारण केजरीवाल ने पेश होने से इनकार कर दिया है।इससे पहले ED के समन का जवाब देते हुए केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा कि जांच एजेंसी द्वारा उन्हें पूछताछ के लिए भेजा गया नोटिस अवैध और राजनीति से प्रेरित है और उसे इसे तुरंत वापस लेना चाहिए।
Kejriwal बोले- भाजपा के इशारे पर भेजा गया Notice
CM Arvind Kejriwal ने ED के समन का जवाब देते हुए कहा, “ये समन का नोटिस अवैध और राजनीति से प्रेरित है। नोटिस भाजपा के इशारे पर भेजा गया है।”उन्होंने कहा, “नोटिस ये सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया है कि मैं 4 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रचार के लिए जाने में असमर्थ रहूं। ED को तुरंत नोटिस वापस लेना चाहिए।”
छोटी राजनीतिक पार्टियों को कुचलना चाहती है BJP- AAP
Kejriwal को ED के समन पर AAP विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, “ये न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया देख रही है कि केंद्र सरकार सत्ता के नशे में चूर है और वह इतनी अहंकारी है कि हर एक छोटी राजनीतिक पार्टी को कुचल देना चाहती है।”उन्होंने कहा, “देश में AAP एक उभरती हुई राष्ट्रीय पार्टी है और भाजपा की सरकार उसे कुचलने के लिए हर कोशिश कर रही है।”
Kejriwal पर क्या आरोप?
इस साल फरवरी में ED ने शराब नीति मामले में कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में कहा था कि केजरीवाल ने मुख्य आरोपियों में से एक समीर महेंद्रू के साथ वीडियो कॉल पर बात की थी।आरोप है कि कॉल में केजरीवाल ने समीर से कहा था, “विजय नायर मेरा बंदा है, आपको उस पर पूरा भरोसा करना चाहिए।”
विजय पर AAP के हवाले से कई लोगों से रिश्वत लेने का आरोप है। अभी वह सरकारी गवाह बन गए हैं।
AAP सरकार पर क्या आरोप हैं?
Delhi की AAP सरकार पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है।उस पर विदेशी शराब की कीमत में बदलाव करने और बीयर से आयात शुल्क हटाने का आरोप भी है, जिस कारण विदेशी शराब और बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ।सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोरोना महामारी का हवाला देकर 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप है।