BharatGPT : IIT Bombay और Reliance Infocomm ने Bharat सरकार की मदद से एक AI मॉडल तैयार किया है, जिसका नाम Hanuman रखा गया है.
AI : BharatGPT Bharat में लॉन्च के लिए तैयार है. अगले महीने यानी मार्च 2024 में ये आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मॉडल (AI Model) अपनी सेवाएं देना शुरू कर देगा. AI आधारित BharatGPT एक मेगा ग्रुप है जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज और 8 प्रतिष्ठित संस्थान (prominent universities) शामिल हैं. हाल ही में एक इवेंट के दौरान इस भारतीय AI मॉडल का टीजर सामने आया.
कार्यक्रम में BharatGPT के कामकाज की झलक देखी गई. इस दौरान AI मॉडल से एक बाइक मैकेनिक को तमिल में सवाल पूछते हुए देखा गया. वहीं दूसरी तरफ, इस एआई बॉट (AI bot) से एक बैंकर को हिंदी में बात करते देखा गया. इसके अलावा एक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एआई मॉडल की मदद से एक डेवलपर कंप्यूटर कोड लिखते हुए भी देखा गया.
Exciting news!
— FIIDII Data (@Fii_Dii_Data) February 21, 2024
Mukesh Ambani's BharatGPT group is set to launch its ChatGPT-style service, Hanooman, next month. It will support 11 local languages and focus on healthcare, governance, financial services, and education. Developed with IITs and backed by Reliance Jio, it's a big… pic.twitter.com/B1tzvrZBpV
Bharat GPT ग्रुप एक ऐसा ग्रुप है, जिसमें देश की सबसे बड़ी कंपनी RIL और आठ विश्वविद्यालय शामिल है. GPT एक साइंटिफिक टर्म है, जिसका फुल है फॉर्म Generative Pre-trained Transformer है.
Hanuman
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारत के टॉप इंजीनियरिंग स्कूलों का लक्ष्य अगले महीने अपनी पहली GPT शैली की सेवा शुरू करना है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में देश की महत्वाकांक्षाओं के मद्देनजर एक बड़ा कदम है.
BharatGPT Project के Webpage का नाम ‘Hanuman’ होगा
इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर इसका नाम भगवान ‘हनुमान’ के नाम पर रखा जाएगा. BharatGPT चार मुख्य क्षेत्रों में 11 स्थानीय भाषाओं के माध्यम से काम करने वाले मॉडल की कल्पना करता है. इसमें हेल्थ केयर, शासन, वित्तीय सेवाएं और शिक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
नैस्कॉम IT उद्योग सम्मेलन के मौके पर IIT बॉम्बे के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष गणेश रामकृष्णन ने कहा कि हनुमान प्रोक्ट स्पीच टू टेक्स्ट में भी सक्षम होगा, ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि देश में 1.4 अरब की आबादी में लाखों लोग पढ़ या लिख नहीं सकते.