Russia’s First Moon Mission: रूस की स्टेट स्पेस कॉर्पोरेशन ‘रोसकॉसमॉस’ (Roskosmos) ने बताया कि उसका मानवरहित रोबोट लैंडर कक्षा में अनियंत्रित होने के बाद चंद्रमा से टकरा गया.
चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर भारत से पहले उतरने के रूस का सपना चूर-चूर हो गया है. जर्मनी के डीडब्ल्यू न्यूज ने रूसी अंतरिक्ष निगम रोस्कोस्मोस के हवाले से बताया कि रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. इसके पहले रोस्कोस्मोस ने इमरजेंसी की बात कही थी.
Roskosmos के मुताबिक, प्रारंभिक विश्लेषण के परिणामों के अनुसार, पैंतरेबाज़ी के वास्तविक मापदंडों के विचलन के कारण एक गणना के अनुसार, लैंडर एक ऑफ-डिज़ाइन कक्षा में चला गया और चंद्र के सतह से टकराव के परिणामस्वरूप अस्तित्व समाप्त हो गया. रोस्कोस्मोस ने लूना-25 को खोने के बाद एक विशेष अंतरविभागीय आयोग का गठन किया है, जो लैंडर के खोने की वजह जो जानने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण करेगा.
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47 साल में रूस का पहला था मून मिशन
रूस का यह मून मिशन पिछले 47 साल में पहला था. 1976 के सोवियत काल के बाद पहली बार इस महीने की शुरुआत 10 अगस्त को रूस ने अपना मून मिशन भेजा था. लूना-25 स्पेस क्राफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आने से पहले रूस की स्टेट स्पेस कॉर्पोरेशन ने शनिवार को जानकारी दी कि ‘असमान्य परिस्थिति’ उत्पन्न हो गई है और विशेषज्ञ समस्या का विश्लेषण कर रहे हैं. रूस के रोस्कोस्मोस ने कहा कि शनिवार को विमान को लैंडिंग से पहले की कक्षा में भेज दिए जाने के बाद एक समस्या उत्पन्न होने के तुरंत बाद उसका यान से संपर्क टूट गया था.1976 में सोवियत युग के लूना-24 मिशन के बाद लगभग 47 साल में पहली बार इसी 10 अगस्त को रूस के पहले मून मिशन के तहत लूना-25 अंतरिक्ष में भेजा गया. रूस के असफल होने के अब दुनिया को भारत के चंद्रयान 3 मिशन से चांद के सॉउथ पोल पर लैंडिंग की उम्मीद है. अभी तक सिर्फ पूर्ववर्ती सोवियत संघ, अमेरिका और चीन ने चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में कामयाबी हासिल की है.