AN-32 Wreckage : वायुसेना के AN-32 Aircraft ने 22 जुलाई 2016 को चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर के लिए उड़ान भरी थी.
2016 में Indian Air Force का एक विमान रहस्यमयी तरीके से लापता हो गया था. इस विमान में 29 लोग सवार थे और इसे ढूंढने के लिए 54 दिनों तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया. लेकिन इसका कोई पता नहीं लग पाया. अब इस घटना के 7 साल बाद शुक्रवार, 12 जनवरी को अचानक से इस विमान के मलबे मिले हैं.
बंगाल की खाड़ी के ऊपर से हुआ था लापता
रजिस्ट्रेशन संख्या K-2743 वाला भारतीय वायुसेना का AN-32 विमान 22 जुलाई 2016 को एक अभियान के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर से लापता हो गया था. विमान में 29 कर्मी सवार थे. इस विमान की खोज में बड़ा अभियान चलाया गया था, जिसमें कई विमान और जहाज लगाए गए थे, लेकिन न तो लापता विमान के मलबे का पता चला और न ही विमान में सवार कर्मियों का पता चल पाया. राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्य करता है. इसने लापता हुए AN-32 विमान के अंतिम ज्ञात स्थान पर गहरे समुद्र में हाल ही में अन्वेषण क्षमता वाला एक एयूवी तैनात किया था.
मलबे की मौजूदगी के संकेत
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘यह खोज मल्टी-बीम सोनार (साउंड नेविगेशन एंड रेंजिंग), सिंथेटिक अपर्चर सोनार और हाई-रिज़ॉल्यूशन फोटोग्राफी समेत कई उपकरणों का उपयोग कर 3,400 मीटर की गहराई पर की गई.’ इसने कहा, ‘खोज संबंधी तस्वीरों के विश्लेषण से चेन्नई तट से लगभग 140 समुद्री मील (310 किमी) दूर समुद्र तल पर एक दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे की मौजूदगी का संकेत मिला है.’
कैसे हुआ था हादसा?
22 जुलाई 2016 को वायुसेना के AN-32 विमान ने चेन्नई से उड़ान भरी था. विमान में चालक दल के सदस्यों समेत कुल 29 लोग सवार थे, जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पोर्ट ब्लेयर की साप्ताहिक यात्रा पर थे. विमान को पोर्ट ब्लेयर में भारतीय नौसैनिक हवाई स्टेशन INS उत्क्रोश पर उतरना था, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद इसका संपर्क ATC से टूट गया था और वह रडार से गायब हो गया था. उस समय महीनों तक विमान की खोज की गई थी, लेकिन बाद में वायुसेना ने हार मान ली थी.