Revenge : America ने Jordan में अपने सैनिकों पर हमलों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है. अमेरिकी सेना ने इराक और सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया और ईरानी ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ के कई ठिकानों पर हमले किए.
America : Last Week Jordan base पर किए गये ड्रोन स्ट्राइक में तीन सैनिकों के मारे जाने के बाद America ने Iran के खिलाफ बहुत बड़ा एक्शन लिया है और सीरिया और इराक में ईरान समर्थिति मिलिशिया ठिकानों पर भीषण Bombing की है। America ने कहा है, कि 85 ठिकानों पर बम बरसाए गये हैं।
America ने हमले के लिए ईरान समर्थित प्रॉक्सी मिलिशियाओं को दोषी ठहराया है, लेकिन सीधे तौर पर अपने प्रतिद्वंद्वी Iran पर हमला नहीं किया है, जिसका मतलब ये है, कि वाशिंगटन भविष्य के हमलों को रोकना चाहता है, और तेहरान के साथ पूर्ण युद्ध से बचना चाहता है।
Iraq-Syria में 85 ठिकानों पर हमला
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स वॉर मॉनिटर ने कहा है, कि अमेरिकी हमले में कम से कम 13 ईरान समर्थक लड़ाके मारे गए हैं। ऑब्जर्वेटरी प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने कहा, “कम से कम 13 ईरान समर्थक लड़ाके मारे गए हैं।”
जवाबी कार्रवाई की शुरुआत
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है, कि “आज से हमारी प्रतिक्रिया शुरू होती है और हम अपने चुने हुए ठिकानों पर अपने हिसाब से हमले करेंगे।”
Iraq ने कहा- संप्रभुता पर हमला
Iraq ने अमेरिकी सैन्य हमले की निंदा करते हुए कहा, कि कार्रवाई उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है। लेकिन जॉन किर्बी ने कहा, कि अमेरिका ने “हमलों से पहले इराकी सरकार को सूचित किया था” लेकिन इस पर कोई टिप्पणी नहीं की, कि इराक ने उस सूचना पर क्या प्रतिक्रिया दी। इराकी सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ मेजर जनरल याह्या रसूल ने एक बयान में कहा, कि “अल-कैम और इराकी सीमा क्षेत्रों में अमेरिकी हवाई हमले इराकी संप्रभुता का उल्लंघन और सरकार के प्रयासों को कमजोर करना है।”