Loan Rules Changed by RBI: आरबीआई ने बैंकों, एनबीएफसी को लोन पर दंडात्मक ब्याज बढ़ाने से रोक दिया है. आरबीआई ने कर्जदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए वित्तीय संस्थानों पर सख्ती बढ़ा दी है.
RBI New Guidelines : ग्राहक अब अगर कर्ज भुगतान में चूके तो बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) मनमाना ब्याज नहीं वसूल पायेंगे. इस मामले में केंद्रीय बैंक ने संशोधित नियम जारी किये हैं. नये नियम के अनुसार, कर्ज भुगतान में चूक मामले में अब बैंक संबंधित ग्राहक पर सिर्फ ‘उचित’ दंडात्मक शुल्क (Penal Fees) ही लगा सकेंगे. एक जनवरी 2024 से बैंक अपना राजस्व बढ़ाने के लिए ग्राहकों से ‘दंडात्मक ब्याज’ नहीं वसूल पायेंगे. हालांकि केंद्रीय बैंक का यह निर्देश क्रेडिट कार्ड, बाह्य वाणिज्यिक कर्ज, व्यापार क्रेडिट आदि पर लागू नहीं होगी.
Fair Lending Practice – Penal Charges in Loan Accountshttps://t.co/ItjpHPBzGz
— ReserveBankOfIndia (@RBI) August 18, 2023
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वो कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का उल्लंघन कर लोन लेने वाले ग्राहकों पर जुर्माना लगाते हैं। आरबीआई ने कहा है कि बैंकों को पेनाल्टी चार्ज को ‘पेनल चार्ज’ की कैटेगरी में न रख कर ‘पेनल इंटरेस्ट’ में रखना चाहिए। आपको बता दें कि पेनल इंटरेस्ट बैंकों के लोन पर ब्याज से होने वाले इनकम में जुड़ जाता है।
केंद्रीय बैंक (RBI New Guidelines) ने अपने नए गाइडलाइंस में साफ-साफ कहा है कि बैंक ग्राहक के लोन डिफॉल्ट या फिर लेन शर्तों के उल्लंघन पर अप्लिकेबल इंटरेस्ट रेट्स पर पेनल रेट ऑफ इंटरेस्ट लगा रहे हैं जो सही नहीं है।
रिजर्व ने बैंक का ये सर्कुलर अगले साल 1 जनवरी 2024 से लागू होंगी। फिलहाल आरबीआई का नए गाइडलाइंस के दायरे में सभी कमर्शियल बैंक जिसमें स्मॉल फाइनेंस बैंक, लोकल एरिया बैंक, रीजनल रूरल और पेमेंट बैंक आएंगे।
इसके साथ ही आरबीआई के नए गाइडलाइंस के दायरे में सभी प्राइमरी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, NBFC और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, SIDBI NABARD, NaBFID और NHB भी आ जाएंगे।