Jammu & Kashmir के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वे बता रहे हैं कि भारत के मुस्लिमों के पुरखे हिंदू ही थे। साथ ही 600 साल पहले कश्मीर में मुस्लिमों के नहीं होने का जिक्र कर रहे हैं।
Congress से अलग होकर डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) बनाने वाले इस नेता का यह वीडियो 9 अगस्त 2023 का है। वे जम्मू-कश्मीर के डोडा के चिरल्ला गाँव में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसमें मुस्लिमों का अच्छा-खासा जुटान था।
Video में आजाद कह रहे हैं, “मैं संसद में भी यह बात कह चुका हूँ। लेकिन बहुत सारी चीजें आप तक नहीं पहुँचती है। चर्चा के दौरान बीजेपी के एक नेता मुझे बता रहे थे कि कौन बाहर से आया है और किसका इस जमीन से ताल्लुक है। मैंने उनसे कहा कि यह अंदर-बाहर का मसला नहीं है। हमारे हिंदुस्तान में इस्लाम तो वैसे भी 15 सौ साल पहले ही आया है। हिंदू धर्म बहुत पुराना है। जो लोग (मुस्लिम) बाहर से आए होंगे, वो केवल 10-20 होंगे और वो भी उस वक्त मुगलों की फौज में थे। बाकी तो सब यहाँ (भारत) हिंदू से कन्वर्ट हुए मुसलमान हैं।”
Kashmir में 600 साल पहले मुस्लिम नहीं थे
अपने संबोधन के दौरान आजाद ने यह भी बताया कि 600 साल पहले कश्मीर में कोई मुस्लिम नहीं था। सब कश्मीरी पंडित थे। सब इस्लाम अपनाकर मुस्लिम बने हैं। उन्होंने कहा, “मैं आपसे इस 9 अगस्त की अहमियत को देखकर कहना चाहूंगा कि हमने हिंदू, मुसलमान, राजपूत, ब्राह्मण, दलित, कश्मीरी गुर्जर मिलकर सबने इस घर (भारत) को बनाना है। ये हमारा घर है। यहाँ कोई बाहर से नहीं आया। सब यहीं इसी मिट्टी (भारत) की पैदावार हैं इसी मिट्टी में खत्म होना है।”
Azad का वीडियो जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले का है
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा गुलाम नबी आजाद का वीडियो जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले का है। आजाद 9 अगस्त को यहां भाषण देने पहुंचे थे। वीडियो में आजाद कहते हैं,’ इस्लाम का जन्म 1500 साल पहले हुआ। भारत में कोई भी बाहरी नहीं है। हम सभी इस देश के हैं। भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे, जो बाद में कनवर्ट हो गए.’डोडा में दिए गए भाषण में आजाद कहते हैं कि कश्मीर में 600 साल पहले सिर्फ कश्मीरी पंडित थे। फिर कई लोग कनवर्ट होकर मुसलमान बन गए। इस दौरान आजाद ने लोगों से भाईचारा, शांति और एकता बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा,’धर्म को राजनीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।लोगों को धर्म के नाम पर वोट नहीं देना चाहिए.
इसके साथ ही आजाद ने भारतीय मुसलमानों की बात करते हुए कहा कि मुसलमान भी इस जमीन के अंदर जाता है। उसका मांस उसकी हड्डियां भी इसी भारत माता की धरती का हिस्सा बन जाते हैं। तो फिर हिंदू-मुसलमान क्यों करना? दोनों इसी मिट्टी में मिल जाते हैं। कहने का मतलब यह है कि यह सब सियासी जंग है।