India शानदार ढंग से G20 Summit का आयोजन कर रहा है, लेकिन Western Media की खबरों में इसे लेकर Negative Report ही चल रही हैं. Russia की सरकारी ब्रॉडकास्टर रसिया टीवी (RT) ने यह कहते हुए Western Media को कटघरे में खडा किया है.
Non-Western Countries के बारे में कुछ भी लिख देना आसान है
Russia TV लिखा, पश्चिमी पत्रकारों ने महज गरीबों और वंचितों पर फोकस रखा और इस पर रिपोर्ट की है कि कैसे Indian अधिकारियों ने G20 Summit से पूर्व गरीब बस्तियों को हटाने के लिए सौंदर्यीकरण अभियान चलाया. RT के अनुसार यह इस बात का प्रमाण है कि गैर-पश्चिमी देशों के बारे में कुछ भी लिख देना कितना आसान है. आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी कवरेज को केवल नकारात्मक खबरों तक ही सीमित रखा.
Western Countries Global South को अजनबियों की तरह देखता है
Russian Media के अनुसार India के सभी 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के 60 शहरों में जी-20 की 220 बैठकें हुई, जिसे India ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. लिखा कि भले ही इस आयोजन में कुछ खामियां रही हों, लेकिन भारत के आयोजन को ह्यूमन सेंट्रिक रखा गया है, जिसमें बड़े समूहों ने हिस्सा लिया है.इसके लिए India की सराहना भी हुई है. RT ने लिखा कि Western Countries Global South, जिसका मुखिया India को परिचित अजनबियों की तरह देखता है जिसका उदाहरण G20 की कवरेज में देखने को मिल रहा है.
Modi ने G20 को अपने रिब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल किया
Russia Broadcaster RT ने अमेरिका के प्रमुख अखबार कहे जाने वाले वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके लिखा गया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक कार्यक्रम G20 को अपने रिब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल किया. लेख कहता है कि देश भर में बिलबोर्ड पर प्रधानमंत्री का चेहरा चिपका दिया गया है. इसका संदेश सरल है.दुनिया के शीर्ष नेताओं की मेजबानी कर India एक विश्व शक्ति के रूप में उभरा है. लेकिन सच्चाई यह है कि G20 की अध्यक्षता हर सदस्य देश को मिलती है. इंडोनेशिया को पिछले साल मिली थी.
Modi के मामले में इतनी नाराजगी क्यों दिखाई जा रही है?
RT ने वाशिंगटन पोस्ट के लेख की आलोचना करते हुए लिखा, विश्व भर के नेता ऐसे आयोजनों का उपयोग खुद को दूसरे देशों के नेताओं के सामने अच्छे ढंग के प्रदर्शित करने और अपने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए करते हैं भारत तो साल 2000 से ही एक अभियान चला रहा है- अतुल्य भारत. विश्व भर के नेता इस तरह के वैश्विक सम्मेलनों अथवा किसी प्राकृतिक त्रासदी के वक्त प्रकाश में आते हैं, तो फिर भारतीय नेता (मोदी) के मामले में इतनी नाराजगी क्यों दिखाई जा रही है?
America के कैलिफोर्निया में भी लोगों के पास रहने को घर नहीं हैं
Russia Broadcaster RT ने पश्चिमी मीडिया को आईना दिखाते हुए लिखा कि जिस तरह से भारत में अमीरी-गरीबी की समस्या है, अमेरिका के सिलिकन वैली (कैलिफोर्निया) में भी लोगों के पास रहने को घर नहीं है. लिखा कि अमेरिका के बड़े शहरों में ड्रग्स की भारी समस्या है, जिससे जुड़े वीडियो अक्सर दिख जाते हैं. साथ ही लिखा कि यूरोप के अधिकतर शहर प्रवासियों और बेरोजगारी की समस्या से ग्रसित रहे हैं.