France-Niger : Niger में सेना के लोगों ने राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को बंधक बना लिया था और उन्हें पद से हटा दिया था. इसके बाद France के दूत सिल्वेन इत्ते से कहा था कि उन्हें जल्द से जल्द देश छोड़ देना चाहिए.
Niger में सेना ने लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता से बेदखल कर कुर्सी पर कब्जा कर लिया है. राष्ट्रपति को बंधक बना लिया गया है और वह Niger सेना की हिरासत में हैं. France की सेना यहां तैनात थी, जिसे Niger सेना ने तख्तापलट के बाद देश छोड़ने कहा था. इस बीच France के राष्ट्रपति ने बड़ा दावा किया है.
France के राजदूत को Niger सेना ने बंधक बना लिया है. President Emmanuel Macron ने यह बताई. उन्होंने कहा कि हम जबकि अभी बात कर रहे हैं, इस वक्त France के राजदूत को मानो Niger में बंधक बना लिया गया है. वे फ्रेंच एंबेसी में हैं. उन्हें खाना-पानी नहीं दिया जा रहा है. उनके बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है. वे मिलिट्री राशन पर गुजारा कर रहे हैं.
Niger-France के बीच इसलिए यह विवाद
हाल ही में Niger में हुए तख्तापलट के बाद से Niger सरकार और France के बीच खीचतान जारी है। क्योंकि, France अपदस्थ और पूर्व राष्ट्रपति बजौम का समर्थन कर रहा है। बता दें, Niger सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति बजौम को बंधक बना लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, Niger सैनिकों ने तख्तापलट के बाद इट्टे को जल्द देश छोड़ने का आदेश सुनाया था। हालांकि, बाद में Niger ने इट्टे का वीजा रद्द कर दिया था।
Niger में हाल ही में सेना ने तख्तापलट कर दिया था। Niger Army ने दावा करते हुए कहा था कि उन्होंने राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम की सरकार को उखाड़ फेंका है। उन्होंने राष्ट्रपति बजौम को कैद कर लिया है। यूएन-अमेरिका के हस्तक्षेप पर सैनिकों ने आपत्ति जताते हुए उन्हें धमकी भी दी थी। विदेशी मीडिया के अनुसार, नाइजर के राष्ट्रीय चैनल पर सैनिकों ने तख्तापलट का एलान किया था। कर्नल अमादौ अब्द्रमाने अपने साथी सैनिकों और अधिकारियों के साथ टीवी पर आए थे। कर्नल ने टीवी पर लाइव आकर कहा कि देश की बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था और खराब शासन के कारण हम राष्ट्रपति शासन को खत्म कर रहे हैं। नाइजर के बॉर्डर सील हैं। अब न तो कोई देश से बाहर जा सकता है और न ही बाहर से देश में प्रवेश कर सकता है। पूरे देश में कर्फ्यू है। सरकारी अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।