Umer Ahmed Ilyasi : Ayodhya में Ram Mandir में रामलला के प्राणप्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के बाद All India Imam Organization के Chief Imam Dr. Imam Umer Ahmed Ilyasi के खिलाफ फतवा जारी किया गया.
Umer Ahmed Ilyasi : Ayodhya में Ram Mandir की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने पर फतवा जारी होने पर इमाम उमर अहमद इलियासी की प्रतिक्रिया सामने आई है. इलियासी ने कहा कि पहले मैंने कई दिनों तक सोचा की मुझे अयोध्या जाना चाहिए या नहीं लेकिन मैंने अंत में अमन और मोहब्बत का पैगाम देने के लिए अयोध्या जाने का फैसला लिया था. मैं अयोध्या अमन और मोहब्बत का पैगाम देने के लिए गया था, हमारे धर्म भले ही अलग हैं लेकिन हमारा एक धर्म होना चाहिए और वह है इंसानियत का.
Umer Ahmed Ilyasi ने कहा कि मुझे कई लोगों के धमकी के फोन आए थे जिनको मैंने रिकॉर्ड भी कर लिया है और कई लोगों के माफी के फोन भी आए हैं. जो लोग मुझसे इसलिए नफरत कर रहे हैं कि मैं अयोध्या चला गया तो उनको पाकिस्तान चले जाना चाहिए. जो लोग कह रहे हैं की मुझे माफ नहीं करेंगे मैं उनसे कहना चाहता हूँ कि मैं किसी से माफी नहीं मांगने वाला, मैंने कोई गलत काम नहीं किया है. मैं राष्ट्र सर्वोपरि है के भाव से अयोध्या गया था अयोध्या का राम मंदिर राष्ट्र का मंदिर है.
#WATCH | Delhi | Fatwa issued against Chief Imam of All India Imam Organization, Dr Imam Umer Ahmed Ilyasi after he attended the Pranpratishtha ceremony of Ram Lalla at Ram Temple in Ayodhya.
— ANI (@ANI) January 29, 2024
He says, "As a chief Imam, I received the invitation from Shri Ram Janmbhoomi Teerth… pic.twitter.com/iVe2bA3s1X
Ayodhya में हुए 22 जनवरी को Ram Mandir की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी शामिल हुए थे. इसे लेकर इलियासी के खिलाफ फतवा जारी हो गया था, जिसकी विश्व हिंदू परिषद ने निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.
VHP ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
Ram Mandir के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डॉ इमाम उमर अहमद इलियासी पहुचे थे। जिसके बाद उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया है। इसे लेकर विश्व हिंदू परिषद ने विरोध जताया है। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना कुछ जिहादी कट्टरपंथी मुफ्तियों को अच्छा नहीं लगा। जिसकी वजह से मुफ्तियों के एक ग्रुप द्वारा फतवा जारी किया गया है।