Delhi Services Act Law: President द्रौपदी मुर्मू ने आज शनिवार (12 अगस्त) को संसद के हंगामेदार मानसून सत्र के दौरान पारित विधेयक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद दिल्ली सेवा अधिनियम अब कानून बन गया है।
President द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली सेवा अधिनियम के अलावा तीन अन्य विधेयक डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
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सरकार ने अपने बयान में कहा कि, इस अधिनियम को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 कहा जाएगा।
इसे 19 मई, 2023 से लागू माना जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 (जिसे इसके बाद मूल अधिनियम के रूप में संदर्भित किया गया है) की धारा 2 में खंड (ई) में कुछ प्रावधान शामिल किए गए। ‘उपराज्यपाल’ का अर्थ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए संविधान के अनुच्छेद 239 के तहत नियुक्त प्रशासक और राष्ट्रपति द्वारा उपराज्यपाल के रूप में नामित किया गया है।
बिल में प्रस्तावित किया गया कि राष्ट्रीय राजधानी के अधिकारियों के निलंबन और पूछताछ जैसी कार्रवाई केंद्र के नियंत्रण में होगी। दिल्ली सेवा बिल को मणिपुर हिंसा पर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के बीच एक अगस्त को संसद में पेश किया गया था।
अधिकांश विपक्षी दल इस बिल के खिलाफ थे। दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा के बाद राज्यसभा में वोटिंग हुई थी, जिसमें 131 वोट के साथ दिल्ली सेवा बिल राज्यसभा में पास हो गया था। बिल के विरोध में 102 वोट पड़े थे। इससे पहले लोकसभा में विपक्षी दलों के बायकॉट के बीच ध्वनिमत से यह बिल पारित हो गया था।