CocaCola-Nestle BAN : देश की ग्रैंड नेशनल असेंबली ने कंपनियों का नाम लिए बिना कहा, ‘इजरायल का समर्थन करने वाली कंपनियों के प्रडॉक्ट्स संसद परिसर में रेस्तरां, कैफेटेरिया और टी हाउस में नहीं बेचे जाएंगे.
CocaCola-Nestle BAN : Turkey की संसद ने गाजा Gaza में संघर्ष के बीच इज़राइल Israel के कथित समर्थन को लेकर मंगलवार को अपने रेस्तरां से कोका-कोला (CocaCola) और नेस्ले (Nestle) उत्पादों को हटा दिया है. संसद के एक बयान में कहा गया, ‘यह निर्णय लिया गया कि इजराइल का समर्थन करने वाली कंपनियों के उत्पाद संसद परिसर में रेस्तरां, कैफेटेरिया और चाय घरों में नहीं बेचे जाएंगे.
सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय जनता की मांग के जवाब में लिया गया है. हाल के दिनों में Turkey कार्यकर्ताओं द्वारा Social Media Post में दोनों कंपनियों का नाम लिया गया है, जो इजरायली वस्तुओं और पश्चिमी कंपनियों के बहिष्कार का आह्वान कर रहे हैं, जिन्हें वे Israel का समर्थन करने वाले के रूप में देखते हैं. बता दें कि तुर्की की सरकार ने गाजा पर Israel की बमबारी और Israel को पश्चिमी समर्थन की तीखी आलोचना की है.
इस बीच, Turkey के व्यापार मंत्री के अनुसार, युद्ध शुरू होने के बाद से पिछले साल की समान अवधि की तुलना में Turkey और Israel के बीच व्यापार आधा हो गया है. Turkey ने कहा कि उसने गाजा पट्टी में नागरिकों पर इजरायल की निरंतर बमबारी और घिरे क्षेत्र में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर परामर्श के लिए इजरायल से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है.
जनता के आक्रोश का दिया हवाला
Israel और Hamas के बीच पिछले कई दिनों से जंग चल रही है. UN की अपील के बावजूद Israel अपने रुख पर कायम है. जिस तरह के हालात हैं, उसे देखते हुए जंग के जल्द खत्म होने की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही. Media Reports में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कोका-कोला बेवरेजेज और नेस्ले इंस्टेंट कॉफी ही एकमात्र ब्रैंड हैं, जिन्हें मेनू से बाहर किया गया है. संसद अध्यक्ष ने यह फैसला जनता के आक्रोश के मद्देनजर लिया है. अगले आदेश तक संसद में कैफे और रेस्टोरेंट के मेनू से इन कंपनियों के उत्पाद बाहर ही रहेंगे.
India को नुकसान की आशंका
Turkey में बड़े पैमाने पर ऐसी कंपनियों के बहिष्कार की मांग हो रही है, जिन्हें इजरायल समर्थक माना जाता है. ऐसे में संभव है कि आने वाले दिनों में तुर्की की सरकार कुछ और विदेशी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करे. बता दें कि भारत सहित पूरी दुनिया इजरायल-हमास जंग के शांत होने की कामना कर रही है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि युद्ध के लंबा खिंचने की स्थिति में भारत को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. भारत का आयात-निर्यात प्रभावित होगा और इसका असर देश में महंगाई पर भी दिखाई दे सकता है. कच्चे तेल का उत्पादन पहले से ही कम हो रहा है. ऐसे में इस युद्ध के चलते क्रूड ऑयल के दाम आने वाले दिनों में रॉकेट की रफ्तार से बढ़ सकते हैं. इससे भारत को ज्यादा नुकसान इसलिए होगा, क्योंकि वो अपनी जरूरत का अधिकांश तेल आयात करता है.
अच्छे रहे हैं कारोबारी रिश्ते
Asia में Israel के लिए भारत तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. उसकी कंपनियों ने यहां निवेश किया हुआ है, जिसके युद्ध लंबा खिंचने की स्थिति में प्रभावित होने से इंकार नहीं किया जा सकता. India के कुल व्यापारिक निर्यात में इजरायल की हिस्सेदारी 1.8% है. Israel India से लगभग 5.5 से 6 बिलियन डॉलर के परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पाद (Refined Petroleum Products) खरीदता है. वित्तवर्ष 23 में, इजराइल को भारत का कुल निर्यात 8.4 बिलियन डॉलर था. जबकि आयात 2.3 बिलियन डॉलर रहा. इस तरह, दोनों देशों के बीच करीब 10 बिलियन डॉलर का कारोबार होता है.