Cloud Seeding : देश की राजधानी नई दिल्ली में हवा लगातार जहरीली बनी हुई है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार गंभीर श्रेणी में बना हुआ है.
Cloud Seeding : Delhi Government ने बुधवार को घोषणा की कि वह शहर के बिगड़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए Cloud Seeding के माध्यम से कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास करेगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों की एक टीम को Cloud Seeding के लिए एक प्रस्ताव तैयार करने का काम सौंपा गया है, जिसे मंजूरी के लिए सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की स्थिति के मद्देनजर Cloud Seeding यानी Artificial Rain की संभावना को लेकर आज IIT कानपुर की टीम के साथ एक बैठक हुई। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कल वे सरकार को एक विस्तृत प्रस्ताव भेजेंगे। अगर कल हमें उनका प्रस्ताव मिलता है, तो हम इसे सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करेंगे।
#WATCH | Delhi Environment Minister Gopal Rai says, "A meeting with the IIT Kanpur team was held today regarding the possibility of cloud seeding i.e., artificial rain in wake of pollution situation… This proposal was first presented by IIT Kanpur in that meeting…In today's… https://t.co/zosnw8k2d1 pic.twitter.com/IYfBpc4yDk
— ANI (@ANI) November 8, 2023
Artificial Rain or Cloud Seeding क्या है
Artificial Rain को लेकर आपके मन में भी सवाल होंगे कि कृत्रिम बारिश क्या है. इसे प्रदूषण से निपटने के लिए कारगर क्यों माना जा रहा है. आर्टिफिशियल बारिश, प्रदूषकों और धूल को धोने में मदद कर सकती है. IIT कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने कहा कि आर्टिफिशियल या बारिश अच्छी गुणवत्ता वाली हवा के लिए तरस रहे एनसीआर के नागरिकों को अस्थायी ही सही, लेकिन एक सप्ताह तक राहत दे सकती है.
Artificial Rain कैसे होगी
IIT कानपुर दिल्ली में आर्टिफिशियल बारिश का संचालन करने के लिए तैयार है. संस्थान ने मई माह में ही कानपुर में ट्रायल शुरू कर दिया था. सबसे पहले, इसने नमी से भरे बादलों में नमक मिश्रण को स्प्रे करने के लिए एक पंप का उपयोग किया ताकि छोटे कणों को बारिश की बूंदों में संघनित किया जा सके और कृत्रिम रूप से बारिश की जा सके. यह कृत्रिम बारिश प्रदूषण को काफी हद तक कम कर सकती है.
Artificial Rain कब हो सकती है ?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास केवल तभी किया जा सकता है जब बादल हों या नमी उपलब्ध हो. उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में भारत में कुछ कोशिशें की गई हैं जो तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में की गई थी. वैश्विक स्तर पर कृत्रिम बारिश पर शोध किया जा रहा है… मूल आवश्यकता बादल या नमी की होती है. भारत में कृत्रिम बारिश पर शोध किया जा रहा है लेकिन अभी तक इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई है.