Andhra Pradesh में सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी और तेलुगू देसम पार्टी (टीडीपी) के बीच एक बार फिर जंग होना तय है। हुआ ये है कि Andhra Pradesh की CID ने भ्रष्टाचार के एक मामले में राज्य के पूर्व सीएम Chandrababu Naidu को गिरफ्तार कर लिया है।
Andhra Pradesh के Former CM Chandrababu Naidu को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूर्व सीएम पर स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन घोटाले का केस चल रहा है. नंद्याल रेंज के डीआइजी रघुरामी रेड्डी और CID के नेतृत्व में पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी. उनके बेटे लोकेश को भी हिरासत में लिया गया है. तड़के करीब 3 बजे शहर के आरके फंक्शन हॉल के पास उन्हें हिरासत में लिया गया. वह रैली के बाद अपने बस कैंप में आराम कर रहे थे.
Former CM Chandrababu Naidu के खिलाफ CID ने अरेस्ट वारंट जारी किया था. वारंट जारी होने के कुछ देर बाद ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. वह रैली के बाद अपने बस कैंप में ही आराम कर रहे थे. टीडीपी के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता यहां मौजूद थे. गिरफ्तारी के दौरान पुलिस और टीडीपी समर्थकों में झड़प की भी खबर है. आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.
CID-Police और Naidu के सुरक्षा अधिकारियों में बहस
POLICE और तेलुगू देशम पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस और हाथापाई भी हुई. पुलिस नायडू समर्थकों को किनारे लगाते हुए बस तक पहुंची. गिरफ्तारी से पहले उनकी सुरक्षा में लगे एनएसी कमांडेंट को पुलिस ने जानकारी दी. नायडू के मुख्य सुरक्षा अधिकारी को भी गिरफ्तारी वारंट के बारे में पुलिस ने सूचित किया. उधर, नेता इस बात से नाराज थे कि Chandrababu को आधी रात में जगाना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि वह कहीं भी भागने वाले व्यक्ति नहीं हैं.
2015 में Skill Development-Siemens परियोजना सामने आई. टीडीपी सरकार ने सीमेंस और डिजाइन टेक कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस परियोजना की कुल लागत 3,356 करोड़ रुपये है और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है. रु. 371 करोड़ की हेराफेरी के आरोपों की पृष्ठभूमि में…वाईपीसी सरकार ने अगस्त 2020 में जांच के आदेश दिए। मंत्रिस्तरीय उपसमिति से जांच करायी गयी. 10 दिसंबर 2020 को विजिलेंस जांच कराई गई. एसीबी ने 9 फरवरी 2021 को जांच शुरू की. मामला 9 दिसंबर 2021 को CID को स्थानांतरित कर दिया गया था.
Skill Development-Siemens परियोजना केस
2015 में Skill Development-Siemens परियोजना सामने आई थी. टीडीपी सरकार ने सीमेंस और डिजाइन टेक कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस परियोजना की कुल लागत 3,356 करोड़ रुपए है और इसमें 10 फीसदी राज्य सरकार की हिस्सेदारी है. मामला 371 करोड़ रुपए के हेराफेरी का है. इस केस में वाईपीसी सरकार ने अगस्त 2020 में जांच के आदेश दिए. मंत्रिस्तरीय उपसमिति से जांच कराई गई. दिसंबर 2020 को विजिलेंस जांच कराई गई. एसीबी ने फरवरी 2021 में जांच शुरू की. मामला 9 दिसंबर 2021 को सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया था.