Batla House Encounter : Batla House Encounter मामले में Ariz Khan को मौत की सजा देने से Delhi High Court ने इनकार कर दिया है। इससे पहले हाई कोर्ट ने 18 अगस्त को Ariz Khan की सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Batla house Encounter: Delhi High Court के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अमित शर्मा ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें Ariz Khan को दोषी पाया गया था। लाइव लॉ के मुताबिक, मार्च 2021 में ट्रायल कोर्ट ने Ariz Khan को फांसी की सजा सुनाई थी। इस दौरा अदालत ने कहा था कि ये मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर यानी दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में आता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है।
High Court ने Batla house Encounter Case में Ariz Khan को दोषी ठहराने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा. ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि उसका अपराध दुर्लभतम श्रेणी में आता है, जिसके लिए अधिकतम सजा का प्रावधान है और मौत होने तक उसे फांसी पर लटकाया जाएगा. इस मामले में उच्च न्यायालय ने दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने अगस्त में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
2008 में हआ था Batla House Encounter
Delhi में साल 2008 में हुए Batla House Encounter में Delhi Police की Special Cell और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की मौत हो गई थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर शर्मा 19 सितंबर, 2008 को साउथ दिल्ली के जामिया नगर में पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के दौरान मारे गए थे। दिल्ली में पांच सिलसिलेवार बम धमाकों के कुछ दिनों बाद हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए।इन बम धमाकों में 39 लोगों की मौत तो 159 लोग घायल हुए थे। इसके बाद आतंकियों की तलाश में यह एनकाउंटर हुआ था। आरिज आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन का मेंबर है।