2024 Share Market Warning : 2024 के लिए भारतीय बाजार को लेकर Chris Wood ने अहम चेतावनी दी है. Chris Wood का अनुमान है कि अगले साल तक Share Market भारी गिरावट देखने को मिल सकता है.
2024 Share Market Warning : जेफरीज के वैश्विक प्रमुख (Equity Strategy) Chris Wood ने कहा कि दुनिया में India की वृद्धि की कहानी सबसे अच्छी है।उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड BFSI Summit 2023 में कहा कि इसके बावजूद वैश्विक निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में न के बराबर निवेश किया है।
Chris Wood ने कहा कि निवेशकों को सुसंगठित रूप से निवेशित रहना चाहिए क्योंकि बाजारों ने रणनीतिक रूप से बेहतर प्रदर्शन किया है। निश्चित तौर पर मिडकैप महंगे हैं और India में तब तब करेक्शन आ सकता है जब जब वॉल स्ट्रीट में करेक्शन आएगा क्योंकि दोनों के बीच सहसंबंध हैं। इसका कारण बॉन्ड का उच्च प्रतिफल रहा है।
BJP हारी तो बाजार में आएगी गिरावट: Chris Wood
Chris Wood ने कहा, अगर 2004 के आम चुनाव की तरह अप्रत्याशित नतीजे आते हैं तो मुझे 25 फीसदी की गिरावट की आशंका है। लेकिन रफ्तार के चलते बाजारों में गिरावट की स्थिति तेजी में बदल जाएगी। इस सरकार के सत्ता में नहीं लौटने की स्थिति में बड़ी गिरावट का जोखिम है। इसकी संभावना हालांकि कम है, लेकिन जोखिम बरकरार है।
Chris Wood ने कहा कि ऐपल समेत अन्य बड़ी कंपनियों को चीन में उत्पादन के मुकाबले बचाव का तरीका तलाशना होगा। अगले 25-30 वर्षों के लिए India Domestic मांग की अगली सबसे बड़ी कहानी होगी। ऐसे में विनिर्माण कारोबार पाने के लिए उसे वियतनाम, थाइलैंड, मलेशिया की तरह महज 70-80 फीसदी अच्छा बनना होगा। इसके लिए सरकार का दोबारा सत्ता में आना जरूरी है और नीतिगत निरंतरता बनी रहनी चाहिए।
Bond Market को लेकर चिंता
Chris Wood के मुताबिक शेयर बाजार के नजरिये से पिछले तीन महीने में दुनिया भर में सबसे बड़ी घटना अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में हुई तीव्र बढ़ोतरी है।उन्होंने कहा कि आम राय यह है कि अमेरिकी दरें लंबे समय तक ऊंची रहेगी या आपूर्ति से जुड़े अवरोध हालिया बिकवाली के कारण हैं। निवेशक अमेरिका में बढ़ते राजकोषीय घाटे को लेकर चिंतित होने लगे हैं। प्राइवेट इक्विटी व प्राइवेट क्रेडिट के क्षेत्र (खास तौर से अमेरिका में) पर नजर रखने की जरूरत है। क्रेडिट को लेकर जोखिम अब बढ़ रहा है।
Chris Wood का कहना है कि बाजार यह नहीं मान रहा है कि युद्ध में तेजी आएगी। इसे कच्चे तेल की कीमतों में रुझान से देखा जा सकता है।उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बाजार यह मानकर चल रहा है कि यह युद्ध पश्चिम एशिया को अपनी लपेट में नहीं लेगा। तेल की कीमतों में खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऐसे में स्पष्ट तौर पर युद्ध का दायरा बढ़ने की आशंका को बाजार नहीं मान रहा।
Chris Wood ने कहा कि इस बीच चीन में इस साल Japan जैसा ही हाल दिख रहा है जहां वृद्धि नरम हो रही है। लेकिन अहम सवाल यह है कि क्या स्थायी तौर पर ऐसा होने जा रहा है या फिर China फिर से उभरेगा।उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि China की वृद्धि वापस लौटेगी। लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि अगले 10 साल में उसकी वृद्धि करीब 3 फीसदी रहेगी जबकि India की वृद्धि दर 6-7 फीसदी होगी। वैश्विक निवेशकों के लिए India अगला सबसे बड़ा वैश्विक मौका होगा।
Chris Wood ने सतर्क किया है कि भारत में विदेशी रकम उतनी नहीं आ रही है, जितनी आनी चाहिए। इसकी वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए मुश्किल या बोझिल प्रक्रिया है। उनके मुताबिक चीन में निवेशित रकम में से ज्यादातर भारत आने की संभावना है।
Chris Wood ने कहा, इस साल हालांकि ज्यादा वैश्विक रकम Japan चली गई। सभी वैश्विक फंड अब India की ओर देख रहे हैं लेकिन मसला यह है कि उन्हें FSI दर्जे के लिए आवेदन करना होता है। भारतीय बाजार तेजी के उस चक्र को दोहराएगा, जो हमने 2002 से 2009 के दौरान देखा था। यह हाउसिंग में तेजी और निजी क्षेत्रों के पूंजीगत खर्च से आगे बढ़ेगा। सात साल की मंदी के बाद भारतीय प्रॉपर्टी बाजार तेजी के तीसरे साल में प्रवेश कर चुका है। अभी इसमें मंदी के कोई संकेत नहीं हैं।