Zee-Sony मर्जर को लेकर कई चैनलों में न्यूज ब्रेक किए जाने के बाद कंपनी के शेयरों में आज तेजी देखी गई। इन खबरों के मुताबिक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने जी एंटरटेनमेंट और सोनी के मर्जर को मंजूरी दे दी है। इस खबर के चलते स्टॉक ने आज अपने 290.70 रुपये के 52-वीक हाई छू लिया
NCLT द्वारा सोनी के साथ विलय को मंजूरी मिलने के बाद जी एंटरटेनमेंट के शेयर गुरुवार को 15 फीसदी उछल गये।बीएसई पर जी के शेयर 15 फीसदी की बढ़त के साथ 278.40 रुपये पर पहुंच गया।
NCLT ने 11 जुलाई को कई कर्जदाताओं की आपत्तियां सुनने के बाद विलय पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायाधिकरण ने एक्सिस फाइनेंस, जेसी फ्लावर एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी, आईडीबीआई बैंक, आईमैक्स कॉर्प और आईडीबीआई ट्रस्टीशिप जैसे कर्जदाताओं की दलीलें सुनी थीं।
दिसंबर 2021 में, ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स अपने कारोबार का विलय करने पर सहमत हुई थीं। दोनों मीडिया समूहों ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बीएसई और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) जैसे नियामकों से अनुमति प्राप्त करने के बाद विलय को मंजूरी देने के लिए न्यायाधिकरण से संपर्क किया था।
जी एंटरटेनमेंट के कुछ कर्जदाताओं की तरफ से आपत्तियां जताए जाने पर यह प्रक्रिया रुक गई थी। एस्सेल समूह के कई लेनदारों ने विलय योजना में जोड़े गए गैर-प्रतिस्पर्धा खंड को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी।
एनएसई और बीएसई ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ को एस्सेल समूह की फर्मों का पैसा कथित तौर पर दूसरी जगह भेजने के मामले में उसके प्रवर्तकों के खिलाफ जारी आदेशों के बारे में अवगत कराया। इसमें पुनीत गोयनका के खिलाफ प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) का आदेश भी शामिल है जिसमें उन्हें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक पद संभालने से रोक दिया गया है।
सैट ने सेबी के अंतरिम आदेश को बरकरार रखा है जिसमें ज़ी एंटरटेनमेंट के दोनों प्रवर्तकों सुभाष चंद्रा और गोयनका को एक साल के लिए सूचीबद्ध कंपनियों में निदेशक पद पर रहने से रोक दिया गया था।