MS Swaminathan Passes Away: भारत की परिवर्तनकारी हरित क्रांति के जनक MS Swaminathan का 98 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। PM Modi ने एग्रीकल्चर साइंटिस्ट स्वामीनाथन के निधन पर शोक जताया है।
Father of India’s Green Revolution : भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के निदेशक ए के सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि MS Swaminathan के निधन से कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार के एक ऐसे युग का अंत हो गया जो आसान नवाचार से भरा हुआ था। प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और भारत में Green Revolution के जनक माने जाने वाले स्वामीनाथन (98) का उम्र संबंधी बीमारी के कारण बृहस्पतिवार को चेन्नई में निधन हो गया। उनके परिवार में तीन बेटियां हैं।
Green Revolution के जनक के रूप में जाने जाने वाले डॉ. स्वामीनाथन के कामों की वजह न केवल देश के कृषि सेक्टर का सुधार हुआ, बल्कि भारत को भोजन की कमी से भी लड़ने में मदद मिली. स्वामीनाथन ने न सिर्फ किसानों के भलाई के लिए काम किया, बल्कि उन्होंने एक ऐसी रिपोर्ट को तैयार किया, जिसकी आज भी चर्चा होती है. इस रिपोर्ट को स्वामीनाथन रिपोर्ट के तौर पर जाना जाता है. आइए आज आपको इस रिपोर्ट के बारे में बताते हैं.
UPA Government ने किसानों की स्थिति का पता लगाने के लिए 2004 में एक कमीशन बनाया, जिसका नाम ‘नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स’ (NCF) था. इस कमीशन की अध्यक्षता डॉ. एम एस स्वामीनाथन कर रहे थे. एनसीएफ ने 2004 से लेकर 2006 तक कुल मिलाकर पांच रिपोर्ट सौंपीं, जिन्हें आज स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट या स्वामीनाथन रिपोर्ट के तौर पर जाना जाता है. इसमें उन सभी तरीकों के बारे में बताया गया, जिनके जरिए किसानों की स्थिति सुधारी जा सकती थी.
Farmers के हितों के सबसे बड़े पैरोकार
Country के तमाम किसान नेता किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए जिस न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग बार-बार उठाते हैं, उसका सबसे बेहतर फॉर्मूला भी स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों पर ही आधारित है. दरअसल, प्रोफेसर स्वामीनाथन को 2004 में किसानों की समस्याओं पर विचार करके उनका समाधान सुझाने के लिए गठित नेशनल कमीशन ऑन फॉर्मर्स का चेयरमैन बनाया गया था. इसी कमीशन के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने 2006 में अपनी वो मशहूर सिफारिश सरकार को सौंपी थीं, जिसमें किसानों को उनकी लागत के मुकाबले कम से कम 50 फीसदी ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने का सुझाव दिया गया था.