Jharkhand Lithium reserves News : Jharkhand से बड़ा अपडेट सामने आया है। सूबे में Lithium का बड़ा भंडार मिला है जिसे EV सेक्टर को काफी फायदा मिल सकता है।
Jharkhand : Koderma and Giridih की धरती से निकलने वाले अभ्रक की चमक कभी पूरी दुनिया तक पहुंचती थी। अब International Market में न तो अभ्रक की डिमांड रही और न ही उसकी खदानें बचीं। हालांकि इसी धरती के भीतर खोजे गए बेशकीमती खनिज Lithium के बड़े भंडार ने देश में बैटरी आधारित EV इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाएं जगाई हैं।
Koderma and Giridih में Lithium reserves
नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (NMET) ने भू-तात्विक सर्वेक्षण में पाया है कि कोडरमा और गिरिडीह में Lithium के अलावा कई दुर्लभ खनिजों का बड़ा भंडार है। पूरी दुनिया में आने वाले वर्षों में जीरो कार्बन ग्रीन एनर्जी के जिन लक्ष्यों पर काम चल रहा है, उसमें Lithium को गेमचेंजर मिनरल के तौर पर देखा जा रहा है। Lithium का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा मेडिकल टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री, मोबाइल फोन, सौर पैनल, पवन टरबाइन और अन्य रिन्यूएबल टेक्नोलॉजी में किया जाता है।
राज्य में lithium खनन की संभावनाओं पर काम शुरू
इसके उपयोग को लेकर तैयारियां शुरु हो चुकी है. Government ने राज्य में Lithium खनन की संभावनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है. निवेशकों के तरफ से भी इसे लेकर रुचि प्रदर्शित की गई है. बीते जून महीने में पैन एशिया मेटल्स लि० के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक पॉल लॉक ने CM Hemant Soren से मुलाकात की थी. Jharkhand में Lithium खनन के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की गई थी. इसी सिलसिले में 29 सितंबर को Jharkhand Government के भूतात्विक पर्षद की उच्चस्तरीय बैठक की गई थी.
Indian Government ने 2030 तक EV को 30 फीसदी तक बढ़ाने का रखा है लक्ष्य
Koderma and Giridih में lithium के अलावा कई दुर्लभ खनिजों का बड़ा भंडार होने की पुष्टि नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (NMET) ने भू-तात्विक सर्वेक्षण में की गई है. इसको लेकर पूरी दुनिया में आने वाले वर्षों में जीरो कार्बन ग्रीन एनर्जी के जिन लक्ष्यों पर काम चल रहा है, उसमें Lithium को गेमचेंजर मिनरल के तौर पर देखा जा रहा है. Lithium का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा मेडिकल टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री, मोबाइल फोन, सौर पैनल, पवन टरबाइन और अन्य रिन्यूएबल टेक्नोलॉजी में किया जाता है. भारत सरकार ने 2030 तक EV को 30 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है.India फिलहाल अपनी Lithium आवश्यकताओं के लिए आयात करता है. ऐसे में देश में Lithium के मिलने से India को अपने लक्ष्य को पूरा करने में काफी सुविधा होगी.