Israel Hamas war: Israel और Hamas के बीच चल रही जंग का असर भारत पर पड़ना भी लाजिमी है। अगर जंग वेस्ट एशिया तक आती है, तो निश्चित रूप से कच्चे तेल की सप्लाई को लेकर चुनौती आ सकती है।
Israel Hamas war : Israel और Hamas के बीच चल रही जंग का असर भारत और दूसरे देशों पर पड़ना तय है। अर्थशास्त्री लगातार भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। माना जा रहा है कि अगर जंग वेस्ट एशिया तक आई, तो कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी तय है। तेल की सप्लाई को लेकर भी चुनौतियां सामने आ सकती हैं। लेकिन इसके बारे में विस्तार से जानने की जरूरत है।
विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि अगर जंग वेस्ट एशिया तक फैलती है, तो इसका आकार व्यापक हो सकता है। कई और देश भी जंग में कूद सकते हैं। कच्चे तेल की सप्लाई को लेकर दुनिया के सामने चुनौतियां आ सकती हैं। ओपेक प्लस पहले ही कटौती कर चुका है। जो पेट्रोलियम निर्यातक और अन्य तेल उत्पादक देशों का संगठन है। उसकी कटौती के कारण ही कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है।
मंदी का कारण बन सकती है ये जंग
जियोपॉलिटिकल की दिशा में जाने पर जंग का असर ग्लोबल इकोनॉमी पर भी हो सकता है। जिससे महंगाई के अलावा ग्लोबल मार्केट में अस्थिरता की स्थिति पैदा हो सकती है। मंदी का कारण भी जंग बन सकती है। जिसका सीधा असर भारतीय रुपये पर हो सकता है। भारत का मौजूदा व्यापार इजरायल से 10 बिलियन डॉलर का है। मौजूदा साल में इजरायल से निर्यात 8.5 डॉलर का रहा है।
Crude Oil का भाव
ब्लूमबर्ग की एक खबर के अनुसार, पश्चिमी एशिया में युद्ध छिड़ने के बाद कच्चे तेल के भाव में 5 फीसदी तक की तेजी आई है. बाजार में युद्ध से संबंधित प्रीमियम का दौर लौट आया है और इससे वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 87 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गया है. रॉयटर्स की एक खबर के अनुसार, ब्रेंट क्रूड में 4.18 डॉलर यानी 4.99 फीसदी की तेजी देखी गई है और यह 88.76 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा है. वहीं डब्ल्यूटीआई 5.11 फीसदी बढ़कर 87.02 डॉलर प्रति बैरल हो गया है.
एक सप्ताह पहले आई बड़ी गिरावट
कच्चे तेल के दाम में यह उछाल ऐसे समय आई है, जब वापस भाव में नरमी आने लग गई थी. पिछले सप्ताह के दौरान ब्रेंट क्रूड के फ्यूचर में करीब 11 फीसदी की और डब्ल्यूटीआई के फ्यूचर में करीब 8 फीसदी की गिरावट आई थी. यह मार्च के बाद किसी एक सप्ताह में कच्चे तेल के भाव की सबसे बड़ी गिरावट है. हालांकि अब फिर कच्चे तेल में तेजी का ट्रेंड वापस लौट आया है.
बाजार को इस बात का है डर
दरअसल इजरायल पर हमास के द्वारा किए गए हमले को ईरान से जोड़ा जा रहा है. ऐसे आरोप लग रहे हैं कि इस हमले में ईरान की इंटेलीजेंस की सीधी भागीदारी है. इजरायल हमले का आरोप ईरान पर लगा चुका है. वहीं इजरायल पर हमले के बाद ईरान में बड़े पैमाने पर जश्न मनाया गया है. ईरान ने तो हमले को लेकर हमास की सराहना भी की है. अब ऐसे में बाजार को डर सता रहा है कि फिर से ईरान की सप्लाई रोक दी जा सकती है, जो कच्चे तेल के भाव को और बढ़ा सकता
मुख्य असर
कच्चे तेल की सप्लाई को लेकर चुनौती आ सकती है।
सोने के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है।
कई और देश भी जंग में कूद सकते हैं।
जियोपॉलिटिकल वार के बाद ग्लोबल इकोनॉमी पर असर हो सकता है।
भारत-इजरायल व्यापार पर असर हो सकता है।