Discovery : Saudi Arabia में खुदाई के दौरान सातवीं और आठवीं सदी का ऐसा Priceless Treasure मिला है, जो इस्लामी खलीफा युग से जुड़ा है।
Discovery : Saudi Arabia में सातवीं और आठवीं सदी के ऐसी बेशकीमती चीजें खुदाई में मिली हैं। ये चीजें इस्लाम केलिए भी ऐतिहासिक खोज बताई जा रही है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा शुरू किए गए ऐतिहासिक जेद्दा पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत की जा रही इस खोज में इस्लामी खलीफा युग से जुड़ी बड़ी खोज की गई है। जानकारी के अनुसार इस खोज में विभिन्न कलाकृतियों के करीब 25 हजार टुकड़े मिले हैं, जिससे इस्लामी खलीफा युग के बारे में अहम जानकारी मिलती है।
सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया कि जेद्दा ऐतिहासिक जिला कार्यक्रम ने सऊदी अरब के विरासत आयोग के साथ मिलकर इस्लामी हिजरी कैलेंडर की पहली दो शताब्दियों-सातवीं से आठवीं शताब्दी के समय की इस खोज की घोषणा की है। जेद्दा पुनरुद्धार कार्यक्रम जनवरी 2020 में शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य जेद्दा के चार अहम क्षेत्रों का भौगोलिक सर्वेक्षण कर उनके ऐतिहासिक महत्व को सामने लाना है। ये चार साइट्स हैं-ओतमान बिन अफ्फान मस्जिद, अल शोना, जेद्दा के उत्तरी दीवार का एक हिस्सा और अल किदवा।
Sri Lanka की लकड़ी से बनी कलाकृतियां मिलीं
नई खोज इन सभी साइटों पर हुई है, जिसमें सातवीं और आठवीं शताब्दी की कलाकृतियों के हजारों टुकड़े मिले हैं। ये कलाकृतियां अलग-अलग समय की बताई जा रही हैं। ओतमान बिन अफ्फान मस्जिद के एक हिस्से में आबनूस की लकड़ी से बने खंभे मिले हैं जिनका संबंध सिलोन (अब श्रीलंका) से है। इस खोज से पता चला है कि उस दौर में जेद्दा शहर का व्यापार काफी फैला हुआ था।
Discover में और क्या-क्या मिला?
खोजकर्ताओं को जेद्दा शहर की ओतमान बिन अफ्फान मस्जिद में मिट्टी के बर्तनों के 11,405 टुकड़े मिले हैं। इनका वजन 293 किलो है। जानवरों की 11,360 हड्डियां मिली है, जिनका वजन 107 किलो बताया जा रहा है। 87 किलो वजन की इमारत बनाने वाली 685 सामग्री मिली है। कांच की 187 कलाकृतियां मिली हैं जिनका वजन 5 किलो है। धातु से बनी 71 कलाकृतियां मिली हैं जिनका वजन 7 किलो है।
महंगे बर्तन और चीनी मिट्टी के प्यालों का मिली कलेक्शन
जेद्दा के विभिन्न पुरातात्विक स्थलों से मंगाबी पत्थर, संगमरमर और ग्रेनाइट पत्थरों से बने मकबरों के स्तंभ भी मिले हैं। इन पर लोगों के नाम, कुरान की आयतें लिखी हैं जिन्हें लेकर अनुमान है कि वो दूसरी और तीसरी शताब्दी की हैं। खोजकर्ताओं को उसी मस्जिद के स्थान से चीनी मिट्टी के प्यालों का विशाल कलेक्शन और उच्च क्वालिटी पोर्सिलेन से बने महंगे बर्तन भी मिले हैं।