Aditya-L1 Mission Spacecraft लॉन्च होने के 4 महीने बाद लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा. इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता
India ने अपना पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया है। बता दें इसे शनिवार 2 सितंबर दोपहर 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया।आदित्य एल1 को सूर्य के कोरोना के साथ ही विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगा, जिसमें प्लाज्मा तापमान भी शामिल है।
![Aditya L1 Mission Launch : सूरज की स्टडी के लिए ISRO मिशन का सफल लॉन्च,Video 7 Aditya L1](https://ainews18.com/wp-content/uploads/2023/09/Aditya-L1-682x1024.jpg)
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![Aditya L1 Mission Launch : सूरज की स्टडी के लिए ISRO मिशन का सफल लॉन्च,Video 9 Aditya L1 3](https://ainews18.com/wp-content/uploads/2023/09/Aditya-L1-3-682x1024.jpg)
आपको बता दें1480 किलोग्राम वजनी आदित्य-एल1 को इसरो का बाहुबली कहे जाने वाले रॉकेट पीएसएलवी की मदद से लॉन्च किया गया। पीएसएलवी का ये 59वां लॉन्च हैं। इस रॉकेट की सफलता की दर 99 फीसदी है।
Rocket Spacecraft को धरती की कक्षा में प्रक्षेपित करेगा
आदित्य-एल1 को ले जाने वाला रॉकेट स्पेसक्रॉफ्ट को धरती की कक्षा में प्रक्षेपित करेगा।प्रक्षेपण से लेकर आदित्य-एल1 को रॉकेट से अलग करने की प्रक्रिया में एक घंटे से अधिक का समय लगेगा। इसके बाद आदित्य-एल1 अगले 16 दिनों पृथ्वी की कक्षा में गति करता रहेगा।
जानकारी के मुताबिक आज यानी लॉन्चिंग की तारीख से करीब 125 दिन का सफर तय करके आदित्य एल-1 अपने तय स्थान पर पहुंचेगा। इसके बाद इसरो को अपनी खोज के डेटा भेजेगा। इस मिशन का नेतृत्व डॉ. शंकर सुब्रमण्यम कर रहे हैं। डॉ. सुब्रमण्यम इसरो के काफी सीनियर साइंटिस्टों में से एक हैं। उन्होंने अभी कर इसरो के कई अहम मिशनों में अपना खास योगदान दिया है। इतना ही नहीं डॉ. सुब्रमण्यम ने चंद्रयान 1 और चंद्रयान 2 में अहम जिम्मेदारी निभाई थी।